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Showing posts from September, 2018

मोकू कहाँ ढूंढें रे बन दे ,मैं तो तेरे पास में

मोकू  कहाँ ढूंढें रे बन दे ,मैं तो तेरे पास में                           (१ ) न तीरथ में न मूरत में न एकांत निवास में , न मन्दिर में न मस्जिद में ,न काबे कैलास में।  मोकू कहाँ ढूंढें रे बंदे मैं तो तेरे पास में।                            (२ ) न मैं जप में न मैं तप में ,न मैं बरत उपास में , न मैं किरिया  -करम में रहता ,न मैं जोग संन्यास में।  मोकू कहाँ ढूंढें रे बंदे मैं तो तेरे पास में।                           (३ ) न ही प्राण में न ही पिंड में ,न हूँ मैं आकाश में , न ही प्राण में न ही पिंड में ,न हूँ मैं आकाश में।  न मैं परबत के गुफा में ,न ही साँसों के सांस में।  मोकू कहाँ ढूंढें रे बंदे मैं तो तेरे पास में।                          (४ )  खोजो तो तुरत मिल जावूँ एक पल की तलाश में ,  कह त कबीर सुनो भई   साधौ   मैं तो हूँ बिस्वास में।  आदि श्री गुरुग्रंथ साहब जी से कबीर जिउ सलोक (१९७ -२०० ) कबीर हज काबे हउ जाइ था आगै मिलिया खुदाइ।  साईँ मुझ सिउ लरि परिआ तुझै किंहीं फुरमाई गाइ।  कबीर हज काबे होइ होइ गइआ केती बार कबीर।   साईँ मुझ महि किआ खता मुखहु न बोलै पीर।  क

Hypertension and stroke

Hypertension and stroke  गहरा नाता है उच्च रक्तचाप और हाइपरटेंशन स्ट्रोक का Overview A stroke occurs when the blood supply to part of your brain is interrupted or reduced, depriving brain tissue of oxygen and nutrients. Within minutes, brain cells begin to die. A stroke is a medical emergency. Prompt treatment is crucial. Early action can minimize brain damage and potential complications. The good news is that strokes can be treated and prevented, and many fewer Americans die of stroke now than in the past. Symptoms Watch for these signs and symptoms if you think you or someone else may be having a stroke. Pay attention to when the signs and symptoms begin. The length of time they have been present can affect your treatment options: Trouble with speaking and understanding.  You may experience confusion. You may slur your words or have difficulty understanding speech. Paralysis or numbness of the face, arm or leg.  You may develop sudden numbness, weakness o

अनकही :कांग्रेस की लाज अब भोले के हाथ

कांग्रेस की लाज अब भोले के हाथ  इसे भोले बाबा का चमत्कार ही कहा जाएगा युवराज को भोले  के परिसर में ईर्ष्या कहीं भी दिखलाई नहीं दी। इसका मतलब साफ़ है ईर्ष्या मोदी की संसद में ही थी। यदि शहजादे के अंदर होती तो वहां भी दिखलाई देती।  उनका शायद ख्याल था ईर्ष्या  वहां  भी हो लेकिन उनका अब ये मत पुख्ता हो चुका है ईर्ष्या  सिर्फ और सिर्फ मोदी की संसद में है भोले की संसद में नहीं है।  जो हो यदि उनका मन निर्मल हुआ है भांडा साफ़ हुआ  है अंदर से तो यह अच्छा ही है। मालूम हो घृणा एक प्रकार का विष होता है और भोले तो जन्मजात विषपाई हैं विषपान करते हैं इसीलिए नीलकंठ कहलाते हैं।  लेकिन इस सबसे सुरजेवाला बहुत निराश हैं अलबत्ता उनके अलावा भी कई और उनके चिरकुट लगातार उन्हें सन्देश प्रसारित कर रहें हैं वहां जफ्फी मत पाना किसी की।  वहां सब का मन निरंजन है उज्जवल है शांत और भक्ति भाव से प्रशांत हैं। अब अगर शहजादे साहब स्वेत वस्त्रों के  अंदर अधोवस्त्र भी कहीं लाल पहने होते तो सुरजेवाला अब तक उन्हें हनुमान भक्त घोषित करवा देते आखिर हनुमान भी तो शिवजी के ही अवतार हैं।  पहली सीढ़ी चढ़ गए हैं राहुल बाबा।